Friday, January 31, 2014

मुझे लगता है, अब इनकी पिटाई का समय शुरू होने ही वाला है


कमाल है भाई,  बक बक करने की आज़ादी का इतना लाभ तो गली के भौंकू कुत्ते भी नहीं उठाते जितना नए नए उगे राजनैतिक कुकुरमुत्ते उठा रहे हैं

एक हल्दी की गांठ क्या हाथ लग गयी, ससुरे चूहे भी खुद को पंसारी बताने लगे - खुद को बताने लगे तो कोई बात नहीं, बाकी सभी व्यापारियों को चोर बताने लगे, ये गलत बात है

मुझे लगता है, अब इनकी पिटाई का समय शुरू होने ही वाला है 

जय हिन्द !
अलबेला खत्री



Tuesday, January 28, 2014

लेकिन हम वो आशिक़ जो हर रोज़ अजूबा करते हैं


लहरों पर लहराने वाले जब जब ऊबा करते हैं
तब तब सूखी नदियों के साहिल पर डूबा करते हैं
हालांकि ये बात किसी को हज़म न होगी 'अलबेला'
लेकिन हम वो आशिक़ जो हर रोज़ अजूबा करते हैं

जय हिन्द !
अलबेला खत्री


HCG presents hasyakavi sammelan in ahmedabad with albela khatri
HCG presents hasyakavi sammelan in ahmedabad with albela khatri
HCG presents hasyakavi sammelan in ahmedabad with albela khatri

Friday, January 24, 2014

एक कुमार विषवास ने पूरे कवि सम्मेलन को कपि सम्मेलन बना दिया


कहावत :
एक मछली पूरे तालाब को गन्दा कर देती है

हक़ीक़त : 
एक कुमार विषवास ने पूरे कवि सम्मेलन को कपि सम्मेलन बना दिया


एक सोमनाथ ने समूचे महिला समाज को अपमानित व व्यथित कर दिया


एक केजरीवाल ने पूरी दिल्ली को बेवकूफ़ बना दिया

जय हिन्द !
अलबेला खत्री



Thursday, January 16, 2014

कभी-कभी डरता हूँ .... और बड़ा होऊं कि न होऊं ?

समय बदलता है
तो लोगों की बात-चीत का सन्दर्भ भी बदल जाता है

मैं जब छोटा सा था तो चर्चा के विषय होते थे :
धर्म
कर्म
मर्म
शर्म इत्यादि

मैं थोड़ा बड़ा हुआ तो वार्ता के बिन्दु होते :
जवान
किसान
विज्ञान
दुकान
मकान वगैरह

मैं थोड़ा और बड़ा हुआ तो बात-चीत के सन्दर्भ होते :
समाजवाद
पूंजीवाद
राष्ट्रवाद
उग्रवाद
आतंकवाद
नक्सलवाद
और
वाद विवाद

कुछ और बड़ा हुआ मैं तो बातें होने लगीं :
टैक्स की
फैक्स की
वैक्स की
सेक्स की
और
सेंसेक्स की

आजकल चर्चा के प्रसंग हैं :
रैंगिंग
गैंगिंग
हैंगिंग
और
समलैंगिंग

कभी-कभी डरता हूँ ....
और बड़ा होऊं कि न होऊं ?
पता नहीं आने वाला कल किस विषय पर चर्चा करेगा ?

फिर सोचता हूँ ...इतना सब देखा और झेला है
तो आगे भी देख लेंगे ...
अपन कोई डरते हैं क्या .......हा हा हा हा हा हा हा हा हा

जय हिन्द !
अलबेला खत्री 





Sunday, January 12, 2014

धर्म सम्बन्धी झगड़े सदैव खोखली और असार बातों पर ही होते हैं - स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानन्दजी की जयन्ती पर आज उनके कुछ वचन आप सब मित्रों से साझा कर रहा हूँ
1
दुष्टों के दोषों की चर्चा करने से अपना चित्त प्रक्षुब्ध ही होता है इसलिए उनके वर्तन की ओर लक्ष्य न दे कर, अथवा उनकी चर्चा करने न बैठ कर, उनकी उपेक्षा करना ही अपने लिए श्रेयस्कर है ।

2
धर्म को लेकर कभी विवाद न करो । धर्म सम्बन्धी सारे विवाद और झगड़े केवल यही दर्शाते हैं कि वहां आध्यात्मिकता का अभाव है । धर्म सम्बन्धी झगड़े सदैव खोखली और असार बातों पर ही होते हैं


3
एक मोची, जो कम से कम समय में बढ़िया और मजबूत जूतों की जोड़ी तैयार कर सकता है, अपने व्यवसाय में वह उस प्राध्यापक की अपेक्षा कहीं अधिक श्रेष्ठ है जो दिन भर थोथी बकवास ही करता रहता है

- स्वामी विवेकानंद

जय हिन्द !
अलबेला खत्री





Wednesday, January 8, 2014

सूरत निवासी वरिष्ठ एवं सक्रिय समाजसेवी रमेश लोहिया


मिलिये सिल्कसिटी सूरत की कद्दावर हस्ती रमेश लोहिया से ……

सूरत निवासी वरिष्ठ एवं सक्रिय समाजसेवी रमेश लोहिया के विराट व्यक्तित्व व कृतित्व तथा सामयिक गतिविधियों को रेखांकित करने के लिए मैंने यह नया ब्लॉग आरम्भ किया है,

http://rameshlohia.blogspot.in/2014/01/blog-post.html

आशा है मेरे तमाम पाठक मित्र  इनके उर्जस्वित व्यक्तित्व को देखेंगे, परखेंगे, सराहेंगे और  प्रेरणा प्राप्त करेंगे

जय हिन्द !




Tuesday, January 7, 2014

albela khatri welcome mrs priyanka vadra by his poetical fire works






राज करेगा खालसा, आकी रहे न कोय


सत्य,शौर्य व सर्वकल्याण के उद्घोषक 
एवं खालसा पंथ के संस्थापक
श्री गुरु गोबिन्दसिंहजी के 348 वें प्रकाशोत्सव पर
सभी देशवासियों को 



बधाई एवं गुरुपर्व अभिनन्दन !
राज करेगा खालसा आकी रहे न कोय 

अलबेला खत्री
राज करेगा खालसा, आकी रहे न कोय



Monday, January 6, 2014

राखी के पाखण्ड पर, दिल्ली वाले दंग - दो दिन में दिखला दिया, अपना असली रंग




राखी के पाखण्ड पर, दिल्ली वाले दंग
दो दिन में दिखला दिया, अपना असली रंग
अपना असली रंग, मुखौटा उतर गया है
आम होगया ख़ास, ज़ेहन तक असर गया है  
पाई पहली बार, कार जब नौ-दस लाखी
भूल गई औक़ात, लाज खूंटी पर राखी 


सावधान !  ख़बरदार !!   होशियार !!!
दिल्ली के मन्त्रियों को भले ही सुरक्षा की ज़रूरत न हो, परन्तु दिल्ली के अवाम को तो अब अपने और अपने बच्चों के लिए सुरक्षा मांग ही लेनी चाहिए क्योंकि  मज़ाक मज़ाक में उसने ऐसे लोगों को हुक्मरान बना दिया है जिनका कोई भरोसा नहीं कि कब, किस मासूम को खेलने के अपराध में जेल जाना पड़  जाए -

हा हा हा पता नहीं कब किस बाप को इसलिए जेल जाना पड़ जाए कि उसने ऐसी अपराधी औलाद पैदा की कि जो क्रिकेट खेलती है और अपनी गेन्द से मन्त्रीजी की गाड़ी के काँच तिड़का देती है

दिल्ली वालो!  अगर कुछ दिन पहले सचमुच आपने उनके कांच तोड़ दिए होते तो आज ये दिन न देखना पड़ता

जय हिन्द !
अलबेला खत्री










Saturday, January 4, 2014

चुनाव परिणाम शेर के पक्ष में होते हुए भी वह राजा नहीं बन सका और सियारों ने अपनी सरकार बना ली


लोमड़ी के राज में जंगल के सभी जानवर त्रस्त थे क्योंकि पड़ोसी जंगल के भेड़िये  जब तब घुस आते और नन्हे जानवरों को खा जाते. ऐसे में एक शक्तिशाली  राजा की ज़रूरत थी जो उन्हें बचा सके .......... जंगल में चारों तरफ़ चर्चा थी कि इस बार शेर को ही जिताएंगे और अपना राजा बनाएंगे हालांकि लोमड़ पार्टी इसका यह कह कर पुरज़ोर विरोध कर रही थी कि शेर तो हिंसक है, गुस्से वाला है अगर वोह राजा बन गया  तो जंगल का विनाश हो जाएगा, लेकिन सभी प्राणी ठान चुके थे कि इस बार शेर को ही शासन सौंपना है

अपना  सिंहासन डोलता देख, लोमड़ी ने वहाँ के तमाम सियारों को चुपके से डिनर पर बुलाया और कहा कि  इस बार मेरी हार निश्चित है लेकिन अगर शेर सिंहासन पर आ गया तो तुम भी मारे जाओगे और मैं भी, इसलिए  तुम तुरत फुरत एक दल बनाओ  और पूरे जंगल में घूम घूम कर  मेरा विरोध करो, मुझे गालियां दो  और मुझे  जेल भेजने की घोषणाएं करो …इससे फायदा यह होगा कि  चुनाव दो तरफ़ा से तीन तरफ़ा हो जाएगा अर्थात  जो लोग मुझसे नाराज़ हो कर शेर को वोट देने वाले हैं,  उनमें से बहुत सारे वोट तुम्हें इसलिए मिल जायेंगे  क्योंकि तुम पर हिंसक होने का कोई ख़ास ठप्पा नहीं है  लिहाज़ा जंगल के सभी धर्मनिरपेक्ष  तुम्हारे साथ हो जायेंगे

आगे यह तय हुआ कि  चुनाव में लोकदिखावे के लिए तो लोमड़दल और सियारदल इक दूजे का पुरज़ोर विरोध करेंगे परन्तु  चुनाव परिणाम  में अगर स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो  हम इक दूजे के काम आयेंगे --जैसे भी हो, ये शेर नहीं आना चाहिए

वही हुआ, सीटों के हिसाब से चुनाव परिणाम शेर के पक्ष में होते हुए भी वह राजा नहीं बन सका और जिसे सबने नकार दिया था उसी के  समर्थन से सियारों ने अपनी सरकार बना ली

जंगल के सभी प्राणी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं

जय हिन्द !
अलबेला खत्री


Friday, January 3, 2014

आपने जनता को रुलाया है सरदारजी, अगर जनता की बददुआओं में ज़रा भी असर हुआ तो ऊपर वाला आपको रुलाएगा



प्रति,
श्री श्री डॉ मनमोहन सिंहजी,
माननीय प्रधानमन्त्री,
भारत सरकार  

प्रसंग   : हार्दिक शर्म व आत्मिक दुःख की अभिव्यक्ति
सन्दर्भ :  आज का आपका संवाददाता  सम्मेलन

महोदय,
एक भारतीय होने के नाते मेरे लिए अत्यन्त शर्म एवं गहरी पीड़ा का विषय है कि आप जैसा झूठा और बनावटी व्यक्ति मेरे देश का प्रधानमंत्री है.  बचपन से ही सरदारों के मोहल्ले में रहने के कारण मैं भली भान्ति जानता हूँ कि सरदार कितने सच्चे, दिलेर और देशभक्त होते हैं  लेकिन आपने तो सरदारों के वैश्विक यश को ही  दाव पर लगा दिया सरदारजी ! आपने दिल्ली में कांग्रेसियों द्वारा कराये गए सिखों के क़त्लेआम पर आज गर्व से कहा कि पीड़ित परिवारों के लिए बहुत कुछ किया गया है और उनसे माफ़ी भी मांग ली गयी है. 

हुज़ूर, और किस किस से माफ़ी मांग ली है आपने ?  भोपाल गैस काण्ड  के लाखों पीड़ितों  से मांग ली  या  उसके लिए ज़िम्मेदार  यूनियन कार्बाइड  से मांग ली ?  मुम्बई पर पाकिस्तानी हमले में मारे गए लोगों से मांग ली  या मुजफ्फरनगर  में घर से बेघर हुए दंगापीड़ितों  से मांग ली ?  सरहद पर जिनका सर काट कर लोग पाकिस्तान ले गए उनके परिवारों से मांग ली  या रोज़ाना लाखों की  संख्या में काटे जा रहे गौवंश  से माफ़ी मांग ली ? और जनाब,  क्या माफ़ी मांग लेने से पीड़ित परिवारों के कलेजे की जलन शांत हो गयी होगी ? माना कि आप प्रधानमन्त्री हैं  लेकिन कुछ तो इन्सानियत आप में भी होगी, आज थोड़ा  उसका प्रदर्शन भी कर देते

आप से जो सवाल हिन्दी में पूछे गए, उनके भी जवाब आपने अंग्रेज़ी में दिए - इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि गुलाम की अपनी कोई भाषा नहीं होती - जैसा सिखाया जाता है वैसा ही बोलना पड़ता है - अरे हिन्दी नहीं आती तो उर्दू में दे देते, पंजाबी में दे देते, कम से कम भारतीय जनमानस को ज़लील तो न करते विदेशी भाषा बोल कर - आपको ज़रा भी शर्म नहीं आयी हिंदी का जवाब अंग्रेजी में देते हुए ? अफ़सोस  है,  बहुत अफ़सोस है,  एक तरफ अटल बिहारी वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र संघ में भी हिन्दी भाषी रहे और एक तरफ आप …शेम शेम शेम

आपने प्रलाप किया कि नरेंद्र मोदी अगर प्रधानमन्त्री बन गए तो देश का विनाश हो जायेगा ---बहुत अच्छे -- क्या कहने ! जिस मुख्यमन्त्री ने अपने शासन में  विकास और उन्नति के गौरवपूर्ण कीर्तिमान स्थापित कर दिए उसके प्रधानमन्त्री बनने से देश का विनाश हो जाएगा  और आप व आप जैसे अन्य लोगों ने भ्रष्टाचार, अनाचार, महंगाई व अमानवीय कृत्यों के जो गंदे नाले बहाये हैं उससे देश का विकास होगा ?

नरेन्द्र मोदी कोई सगे सम्बन्धी नहीं है मेरे, जो उनका गौरवगान करूँ  लेकिन मैंने उनके राज में गुजरात को बदलते हुए देखा है इसलिए डंके की चोट पर कह सकता हूँ  कि  वो अगर एक बार प्रधानमन्त्री बन गए तो पूरा देश चमक उठेगा - चहक उठेगा

आप गाय से ज़यादा गे के अधिकारों की चिन्ता  करते हैं, आपको महंगाई घटाने के बजाय सेंसेक्स को बढ़ाने की फिक्र लगी रहती है - ये अच्छी बात नहीं है

आपने जनता को रुलाया है सरदारजी, अगर देश की रोती-बिलखती जनता की बददुआओं में ज़रा भी असर हुआ तो ऊपर वाला आपको रुलाएगा और ऐसा रुलाएगा कि आंसू पोंछने वाला भी कोई न होगा

जय हिन्द !
अलबेला खत्री