Saturday, February 15, 2014

व्यापारी अपना कामकाज छोड़ कर तीनपत्ती खेल रहे हैं, बच्चे अपनी पढाई छोड़ कर तीन पत्ती खेल रहे हैं



हास्यकवि अलबेला खत्री का पैग़ाम
भारत की पंजाछाप सरकार के नाम
facebook पर TEEN PATTI  प्रतिबन्धित करो


देश के तमाम लोगों को नाकारा करने और आम जनता का ध्यान रोज़मर्रा की समस्याओं के अलावा बड़े बड़े सरकारी घोटालों से हटाने के लिए एक सोची समझी साज़िश के तहत फ़ेसबुक जैसी  लोकप्रिय सोशल साइट पर TEEN PATTI  का अवतरण कराया गया है

तीन पत्ती का नशा और जादू लोगों के सर पर चढ़ कर इतनी ज़ोर से बोलने लगा है कि कुछ ही दिनों मोबाइल फ़ोन बनाने वाली कम्पनियों ने लाखों की संख्या में Android हैण्ड सैट  बेच डाले, लाखों की संख्या में इन्टरनेट कनेक्शन एवं 3G कनेक्शन बिक गए  और facebook  की उपयोगिता व हिट भी करोड़ों गुना बढ़ गयी ,,,,,कुल मिला कर  इन सबको लाभ हुआ ,,लेकिन जनता को क्या मिला बाबाजी का ठुल्लु ?

व्यापारी अपना कामकाज छोड़ कर तीनपत्ती खेल रहे हैं
बच्चे अपनी पढाई छोड़ कर तीन पत्ती  खेल रहे हैं
मुझ जैसे क़लमकार कविताई छोड़ कर तीनपत्ती में लगे हुए हैं

नई उम्र के किशोर - किशोरियां पहले चलती बाइक पर मोबाइल से बात करते थे या कान में स्पीकर घुसेड़ कर गाने सुनते थे तो दुर्घटनाएं होती थीं  अब तो हद्द हो गयी  लड़के लड़कियां आजकल दुपहिया वाहनों पर चलते हुए सड़कों पर  तीनपत्ती खेल रहे हैं जिससे दुर्घटनाओं की आशंकाएं बढ़ गयी हैं

बस बस बस ,,,,,,,,,,,पूरे देश को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए  और सरकार को तुरन्त संज्ञान लेते हुए इसे बंद कराने का काम करना चाहिए

जय हिन्द !
अलबेला खत्री
albela khatri against teen patti  on facebook

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Sunday, February 2, 2014

तमाचा मारने के बजाय इनके चुनाव चिन्ह से ही मारिये तो खड़का भी पूरा होगा और दर्द भी


परम निरादरणीय झाडूवाल !  तुझे यह जान कर  अपना घिसा हुआ झाड़ू अपने ही माथे पर मारने का मन हो रहा होगा क्योंकि मेरी बात बिलकुल सच निकली - आज सुबह ही मैंने पोस्ट लगाई थी कि अब आपकी पिटाई होने वाली है और शाम होते होते संगम विहार में एक महिला ने तमाचा जड़ ही दिया

हा हा हा ये मत समझना कि तमाचा केवल एक पट्ठे के पड़ा है सच तो ये है कि  तमाचा तुम्हारी पूरी चांडाल चौकड़ी पर पड़ा है ,,,और फिर ये तो श्रीगणेश है, बोहनी भर है,,,,आगे आगे देखिये पिछवाड़ा कितना लाल होता है

बेटा तुमने उड़ती उड़ती देखी  है, अब फँसेगी तब पता चलेगा कि निकलना कितना मुश्किल होता है

वैसे महिलाओं से मेरा सादर अनुरोध है कि इन्हें तमाचा मारने के बजाय इनके चुनाव चिन्ह से ही मारिये  तो खड़का भी पूरा होगा  और दर्द भी ,,,हा हा हा

जय हिन्द !
अलबेला खत्री 





Saturday, February 1, 2014

अनुमान नहीं था ............


झाड़ू वालों पर झाड़ू फेरने का वक्त आना तो तय था
लेकिन यह वक्त इतनी  जल्दी आ जाएगा, 
अनुमान नहीं था

जय हिन्द !