नंगलाल की नौकरी बैंक में कैशियर के पद पर उसी बैंक में लग गई
जिसमे उसके पिता रंगलाल का खाता था । मौके का फायदा उठाने
के लिए रंगलाल कुछ फटे-पुराने नोट ले गया जमा कराने, लेकिन
नंगलाल ने वे नोट स्वीकार नहीं किये ।
नंगलाल : ये नोट बदलिए........
रंगलाल : क्यों क्या खराबी है ?
नंगलाल : फटे हुए हैं
रंगलाल : तो मैं कौनसा तुम्हारे खाते में जमा कर रहा हूँ, ख़ुद के
ही खाते में तो डाल रहा हूँ, जैसे हैं वैसे ही डाल दो.........
नंगलाल : तो मेरी क्या ज़रूरत है आपको ? अपने हाथों से ही
इन्हें अपनी पासबुक में दर्ज़ कर लीजिये ...और रूपये भी ख़ुद के
पास ही रख लीजिये ...ही ही ही
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